________________ भा वि०भा० 34 // Mamaeemama/aom/wa00NDAGES/NG ED | विना निष्फल थाय माटें त्रीजी हेतु संपदा जाणवी. तथा आगार राख्या विना निरतिचारपणे | काउस्सग्ग न थाय, एटला माटें आगार राखवानी अन्नबससीएणं इत्यादि उवासादिकने क| रखे करी चाथी एकवचनांत आगार संपदा जाणवी. तथा "सुहुमहिं अंगसंचालोहिं " एटलेन / है। सूक्ष्म नेत्रादिक फुरकवादि मात्र आदिकें करी पांचमी बहु वचनांत आगार संपदा जाणवी. || श्हां आगारा पद बेहुने जोम, तथा एक सहज बीजो अल्पबाहुल्य एटले एवमाश्एदि एणे, है करी अग्निस्पर्श, पंचेंप्रिय बेदन, चौरादिन्नय, सर्पादि, कदाचित् आवी मले तो इत्यादि आगार || कह्यां, माटें बहु हेतु आगंतुक नावरूप अथवा अग्न्यादिक उपघातरूप बही आगंतुकागार सं-|| | पदा जाणवी. तथा जाव अरिहंताणं इत्यादिक काउस्सग्गनों अवधि मर्यादारूप जे संपदा, ते || सातमी कायोत्सर्गावधि संपदा जाणवी, तथा कायोत्सर्गर्नु यथावस्थारूप स्वरूप ते आठमी स्वरूप संपदा जाणवी. ए आठ संपदानां नाम कह्यां // 30 // हवे नामस्तव एटले लोगस्सादिकने विषे पद आदिकनी संख्यादिक कहे . Devarsmaratememwaleval // 34 // nin Education International For Personal & Private Use Only www.janelyg