________________ VarianaPER/Pawantwaa/a/SER/B/RBana अभ्भुवगमो-अभ्युपगम / इग-एक वचनांत आगार | आगंतुग आगारा-आगंतुका वधी संपदा निमित्तं-निमित्त बहु वयंत आगारा-बहु व- गार संपदा सरुव-स्वरूप हेउ-हेतु चनांत आगार / ऊस्सगावहि-कायोत्सर्गा / अठ्ठ-आठ अप्भुवगमो निमित्तं, हेउ इग बहु वयंत आगारा // आगंतुग आगारा, उस्सग्गावहि सरूवठ् // 38 // ' शब्दार्थ-अभ्युपगम संपदा, निमित्त संपदा, हेतु संपदा, एक वचनांत आगार संपदा, बहु वचनांत आगार संपदा, आगंतुक आगार संपदा, कायोत्सर्गावधि संपदा अने स्वरूप संपदा ए अरिहंत चेइयाणंनी आठ संपदाओ जाणवी. // 38 // | विस्तारार्थः-जे अंगीकार करवं तेने अच्युपगम कही माटे यहां अरिहंत वांदवानी अंगीकाररूप प्रथम अच्युपगम संपदा जाणवी, तथा काउस्तग्ग कया निमित्तें करी करीये? ते | बीजी निमित्त संपदा जाणवी. तथा श्रद्धादिक हेतु वधते करी करीए केमके श्रद्धादिक कारण manom/aaraamamausamparametes For Personal Private Use Only