________________ Romwomeopom/DD/ M शब्दार्थ-आठ संपदामा अनुक्रमे पहेलेथी बे, छ, सात, नव, त्रण, छ, चार अने छ एटलां पदो होय छे. तेमज तेनां | अरिहंत चेइयागं, वंदग वत्तियाए, सद्धाए, अन्नत्य उसणिएगं, सुहुमेहिं अंगमंचालेहि, एवपाइएहिं, जाव अरिहंताणं अने | तावकायं. ए नव आदि पदो जाणवां. // 37 // - विस्तारार्थः-पहेली बे पदनी, बोजी उ पदनी, त्रीजी सात पदनी, चोथी नव पदनी, पां| चमी त्रण पदनी, बही न पदनी, सातमी चार पदनी, आठमी ब पदनी जाणवी. ___ हवे ए चैत्यस्तवनी प्रत्येक संपदानां प्रथमना एटले आदिनां धुरीयांनां पद कहे . तिहां | अरिहंत चेश्याणं ए पहेली संपदानुं प्रथम पद, वंदणवतियार ए बीजो संप दानुं प्रथम पद, सि द्धाए ए त्रीजी संपदानुं प्रथम पद, अननससिएणं ए चोथो संपदानुं प्रयम पद, सुहुमहिं अं| गसंचालाह ए पांचमी संपंदानुं प्रथम पद, एवमाएहिं आगारहिं ए ही संपदानुं प्रथम पद, जाव अरिहंताणं ए सातमी संपदानुं प्रथम पद, तावकार्य ए बाउमी संपदानुं प्रथम पद॥३७॥ हवे ए चैत्यस्तवनी संपदानां नाम कहे . wwwomaavaromapadiya.madarase/taaran o(r)(r)/06a 33 // Jan Education international For Personal & Private Use Only www jainelibrydig