________________ ०भा० चै०मा० अने संपदा पण सोल जाणवी. तथा सिद्धाणं बुद्धाणंना पद पण वीश अने संपदा पणवीश जाणवी. ||8| // 35 // | ए अनुक्रमें संपदा तथा पद कहेवां, तथा लोगस्सने विषे बीजीवार अणउच्चरया एवा, बशेने शाप |||| | वर्ण एटले अक्षर जाणवा. तथा पुरकरवरदीना सुअस्स नगव पर्यंत बशें ने शोल अक्षर जा| णवा, अने सिद्धाणं बुद्धाणंना करेमि कालस्सग्गं पर्यंत एकशो ने अठाणुं अदर जाणवा // 3 // पणिहाण-प्रणिधान नि-त्रण गुणतीस-ओगणत्रीस | इगतीस-एकत्रीस दुवनसयं-एकसोने वाचन चवीस-चोवीश अठवीसा-अठ्यावीस बार-बार कमेण-अनुक्रमे सग-सात तित्तीसा-तेत्रीश चउतीस-चोत्रीस अक्षर / गुरुवण्णा-गुरु वर्ण पणिहाण दुवन्नसयं, कमेण सगति चउवीस तित्तीसा॥ गुणतीस अठवीसा, चउतीसिगतीस बार गुरुवण्णा // 40 // 35 // दारं // ७-ए-१० // ABOND/app/B009/04 NEVEMBERaarapusdovosonam G abarB/ ate/INDIM /push inin Education international For Personal & Private Use Only www.janeiro