________________ NDow/Om/anupaDPeacadrasoooo/avar हवे ए शरियावहिनी सर्व संपदार्जना आदि पद एटले प्रथमनां पद जे संपदाना धुरियां ते कहे . तिहां प्रथम श्छाकारेण ए पहेली संपदानुं पहेऱ्या पद, इरियावहियाए ए बीजी संपदानुं | पहेलुं पद, गमणागमणे एत्रीजी संपदानुं पहेलुं पद, पाणकमणे ए चोथी संपदानुं पहेलु पद, जेमेजीवाविराहिया ए पांचमी संपदार्नु पहेलं पद, एगिंदिया ए बही संपदार्नु पहेलु पद, अ. निहया ए सातमी संपदार्नु पहेलु पद, तस्सउत्तरी करणेणं ए आठमी संपदा, पहेवू पद जाणवू. | // हवे ए शरियावहिनी आठ संपदानां नाम कहे . // अभ्भुवगमो-अभ्युपगम * | इअरहे उ-इतर (विशेष) हेतु | जीव-जीवसंपदा | भेयउ-ए भेदथी निमित्तं-निमित्त संपदा संगहे-संग्रह संपदा विराहण-विराधना संपदा तिनि-त्रण उद्दे-ओघ संपदा पंच-पांचमी पडिक्कमण-प्रतिक्रमग चूलाए-चूलिकारूप - - कळD/DouwastDoDNDow/DD/Program/ANDU अप्भुवगमो निमित्तं, उहेअरहेउसंगहे पंच // जीवविराहण पडिक्कमण, भेयउ तिन्नि चूलाए॥३३॥ / inin Education international For Personal & Private Use Only www.ainelibrary.org