________________ 700/ DABASANDPas/aruwaow/DD पणिवाय-पणिपात ।तहाय-तेमज अख्खर-अक्षर अख्खराई-अक्षर छे इरियाए-इरियावहिने विषे / सयं-सो संपया-संपदा अहावीसं-अठ्यावीस नव नउअं-नवाणु | दुतीस-बत्रीस | अ-आठ पणिवाय अख्खराइं, अठ्ठावीसं तहाय इरियाए॥ नव नउ अ मख्खर सयं, दुतीस पय संपया अठ॥३१॥ इच्छामिखमासमणना अक्षर अहावीश तेमज हरियावहिना एकसो नवाणुं अक्षर, वत्रीश पर अने आठ संपदा छे. // 31 // _ विस्तारार्थः-प्रणिपात दमकने विषे अहावीश अक्षर , तथाच एटले तेमज वली शरियावहिने विषे नवनवति अक्षरशतं एटले नवाणुये अधिक एकशो श्रदर जाणवा अर्थात् एर नवाएं अक्षर जाणवा, तथा बत्रीश पद जाणवां अने संपदा आठ जाणवी॥३१॥ - // ए थाठ संपदाना पदनी संख्या तथा संपदाना आदि पद कहे . // Dom/mo/Sporno/meaniB/. कशोने /goopamvam Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jame by dig