________________ yavaranasesuvassacramaaas शब्दार्थ-नमुकारसी, पोरसी, सार्द्धपोरसी, पुरिम, अबढ अने अंगुहसही विगेरे वीजा आठ, ए सर्व मली प्रथम || स्थानकना तेर भेद थाय, बीजा स्थानकना निवि, विगइ अने आंबीक ए त्रण भेद जाणवा. त्रीजा स्थानकना वेसणु, एकासगुं अने एकलठाणुं एत्रण भेद जाणवा // 7 // __विस्तारार्थः-प्रथम स्थानकें तेर नेदनां नाम कहे . एक नमुकारसी, बीजु पोरिसि, त्रीजें | साईपोरिसि ते दोढ पहोर पर्यंत, चोथु परिमर ते बे पहोर, पाचमुं अव ते त्रण पहोरनु पञ्चख्खाण. ए पांचनी साथे पुर्वोक्त अंगुष्ट सहितादिक आठ नेद मेलवीये तेवारे तेर नेद थाय. || तथा बीजा स्थानके एक निवी, बीजुं विग अने त्रीजुं आयंबिल ए त्रण पञ्चख्खाण जाणवां, || तथा त्रीजा स्थानकने विषे एक बेथासणुं, बीजें एकासणुं अने त्रीजु एकलगणादिक ए त्रण | पञ्चख्खाण जाणवां // 7 // हवे वली प्रकारांतरे उपवासादिक विधिये उपवासने दिवसे पांच स्थानक केवी रीते करवां ? ते कहे . PEBOOV/DAmetNDAANDARDancemeIMI/AAMRATAPipes sinin Education national For Personal & Private Use Only www jane yg