________________ साल PRAS/NVARMIVITAMARVasudanevana/MBE/Sawan हवे संध्यावंदनकविधि अथवा लघु प्रतिक्रमण कहे जे. इरियावहि-इरियावहि बंदणं-वांदणा खामगा-देवसियं खामधं करे| छित्तनो काउत्सग चिइवंदण-चैत्यवंदन च रिम-दिवस चरिम चउथ्योभ-चार खमासमग दुसज्झामो-वे सज्झाय पुत्ति-मुहपत्ति | आलोयं-देवसियं आलोए दिवसुस्सग्गो-देवसिय पाय- / | इरिया चिइ वंदणपु-त्ति वंदणं चरिमवंदणालोयं // वंदणखामणचउत्थो-भ दिवसुस्सग्गो दुसज्झाओ॥३९॥दारा॥२ / शब्दार्थ-१ इरियावहि, 2 चैत्यवंदन, 3 मुहपत्ति पडिलेहण, 4 वे वांदणा, 5 दिवस चरिम पच्चख्खाण, 6 वे वांदणा, 7 देवसि आलोवे, 8 वे वांदणा, 9 देवसिं खमावे, 10 चार खासण दइ भगवानादि चारने वांदे, 11 देवसिय | प्रायश्चित माटे वे लोगस्सनो काउस्सग्ग अने 12 वे सझाय. ए संध्यावंदन विधि // 39 // विस्तारार्थः-प्रथम (1) शरियावहि पमिकमीने पळी आदेश मागी (2) चैत्यवंदन करे, तेवार पड़ी (3) मुहपत्ति पमिलेहे, पनी (1) वे वांदणां देवे, ते देने पड़ी (5) दिवसचरिम पच्चरकाण PERSanses/SwaseenatanAm/nava For Personal & Private Use Only