________________ NOVO verde श्रने साध्वी तथा श्राविका जाणवी. तेमां साधु साधुने तथा श्रावकने मांदोमांहे सामा त्रण हाथ गलो अवग्रह होय अने गुर्वादिकथी साध्वी तथा श्राविकाने तेर हाथ वेगलो अवग्रह होय. तेमज साध्वी तथा श्राविकाने माहोमांहे सामा त्रण हाथनो अवग्रह होय तेटला अवग्रहमांहे गुरुनी अनुज्ञा लीधा विना सदा निरंतर प्रवेश करवाने वली न करपे. ए बे अवग्रहनुं शोलमुं द्वार थयु. उत्तर बोल 161 थया // 31 // हवे कांदणांना सूत्रांना अदरनी संख्यानुं सत्तरमुं हार तथा पदनी संख्यानुं अढारमुं द्वार कहे बे. पण-पांच चउरो-चार गुणतीस-ओगणत्रीस सब-सर्वे तिग-त्रणछहाण-छ स्थानकने विषे / सेस-शेष पय-पद बारस-बार पय-पद आवस्सयाई-आवस्सिाएथी| अहवना-अहावन इगुणतीसं-ओगणत्रीस VARIVARJAAAAPress/up/santasantitatus For Personal Private Lise Only