________________ गु०भा० Q4 // गु०भा० armanavaranteessettasAANDHARWADI पणतिग बारस दुगतिग, चउरो छठाण पय इगुणतीसं॥ गणतीससेस आव-स्सयाइ सवपय अडवन्ना॥३२॥दा॥१७॥१७ शब्दार्थ-(प्रथम वंदनक सूत्रना अक्षर 226 छे तेमां लघु अक्षर बसो एक अने गुरु अक्षर पच्चीस छे.) पांच, त्रण, बार, वे, त्रण अने चार. एम छ स्थानकमां ओगणत्रीस पद छे. बाकीना ओगणत्रीस पद आवस्सियाएथी जाणवा. सर्व है मली अहावन पद थीय छे. विस्तारार्थः-प्रथम वंदनक सूत्रना अक्षर ( 256) जे. तेमां लघु अक्षर (201 ) , अने गुरु अदर तो श्वामिथी मामीने बोसिरामि पर्यंत पच्चीश ले ते लखे डे, बा का ग्ग को प्प कं त्ता ऊं क कत्ती न बा क क क व व लो व म्मा क स क प्पा. ए पचीश अदर गुरु जाणवा है। एटले सत्तरमुं वंदनक सूत्रना अदरोनुं द्वार थयु. उत्तर बोल (377 ) थया.. हवे अढारमुं वंदनक सूत्रना पदनी संख्यानुं हार गाथाना अर्थे कहे . तिहां विन in Educale For Personal & Private Use Only www.janelibrary.org