________________ savitappamousafeMaths/deo/navavantants/ कुमारें नावथकी वांद्या जे, ते नाववंदन जाणवू. ए पांचमुं उदाहरण कद्यु. ए पांच दृष्टांतनुं बीजं दार थयुं, उत्तर बोल दश थया // 11 // हवे पासबादिक पांच अवंदनीकनुं त्रीजु द्वार कहे . पासथ्यो-पासथ्यो / संसत्तओ-संसक्त / ति-त्रण अवंदणिज्जा-अवंदनीय उस्सनो-उस्सनो, प्रमादि | अहाछंदो-यथाछंदो दुग-वे जिणमय मि-श्री जिन मतने विषे कुसील-कुशालीभो / दुग-ये | अगविहा-अनेक प्रकारे / पासत्थो उसन्नो, कुसील संसत्तओ अहाछंदो॥ दुग दुगतिदुगणेगविहा,अवंदणिज्झा जिणमयंमि॥१२॥दारं 3 // शब्दार्थ-पासत्छो, उसनो, कुसीलीयो, संसक्तो अने यथाछंदो ए पांचना अनुक्रमे वे, वे, ऋग, बे अने अनेक भेदो छे. जिन मतमा ते पांच अवंदनीय जाणवा. // 12 // द्वा. 3 PatsanmanasamataoBERVAtamasana/M/RA Jan Education international For Personal & Private Use Only www. by.org