________________ HBADD/ जह-जेम दुओ-दुत रायाणं-राजाने नमिर्च-नमिने कर्ज-कार्य निवेइ-निवेदन करे | पन्छा-पाछो वीसजिओवि-विसर्यो थको | ए मेव-एनीपेरे वंदि-वांदीने [पण इथ्थ-इहां गच्छइ-जायं | दुर्ग-द्वीक s/top/AAGDefen/ne/ATGAVADIRE) जह दूओ रायाणं, नमिउं कज्झं निवेइडं पत्था // वीसज्जिओवि वंदिअ, गच्छइ एमेव इत्थदुगं // 2 // शार्थ-जेम दूत 'प्रथम राजाने नमस्कार करीने कार्य निवेदन करे छे अने पाछो राजाए रजा आपाथी ते दूत फरी नमस्कार करी जायछे तेम आ देववंदना पण बेवार वंदना जाणवी. . विस्तारार्थः-जेम दूत पुरुष डे ते राजाने नमिने कार्य निवेदन करे वली पालो राजायें | विसयों थको पण वांदीने जाय एनी पेरें श्हां गुरुवंदनने विषे पण वंदननुं छिक जाणवू // 2 // अने हादशावर्त्तवंदने तो बेहु वांदणे मलीने आवश्यक आवर्तादि बोल नीपजे डे, ते माटे बेहु / वांदणानी जोमी एकज वंदन कहेवाय // 0/9aptemposit0900/4990/9/9ap/top/sease Pavitrucian/ For Personal & Private se Only