________________ NAAMRAVEvacenterna/doc/docs/80/9iwetedievasana यर्नु बेदन यतुं होय अथवा मूषकादिक पंचेंछिय जीव, ते स्थापनाचार्य अने पोतानी वचमां जाता होय, तेवारें पूंजतो अलगो जश् रहे, तो काउस्सग्ग नंग न थाय. त्रीजु बोधि दोनादि ते जिहां राजा अथवा चोरादिक मनुष्य तेना परान्नवें करी धर्मनी दोनणा थाय माटें काजस्सग्गमांहे तिहाथी अलगो जश रहे तो काउस्सग्ग नंग न थाय, चोथु मक ते साप प्रमुखना मंकना न करी अथवा साप प्रमुख पासें आवतो होय तो तेना नयथ। अलगुं जq पमे, तेथी कानस्सग्ग नंग न थाय, ए शोल आगारनुं उंगणीशमुंहार थy. उत्तर बोल 2036 थया // 55 // हवे काउस्सग्गना उगणोश दोष त्यागवा, तेनां नामनुं वीशमुं हार कहे . घोडग-घोटक उद्धी-उधि : | बहू-वधू भमुहंगुलि-भमुहंगुली लय-लता नियल-निगड लंबुत्तर-लंबुत्तर खंभाइ-स्तंभादि सबरि-भीलडी थण-स्तन कवि-कपिथ्थ खलिण-खलिण / संजइ-संयति WAVANEVERamanuevanaopac/aonetersyasaemaeesavane वायस-वायस माल-माल inin Education international For Personal & Private Use Only www.janelyg