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________________ ज्ञाताधर्मकथांग का सांस्कृतिक अध्ययन 161 होता है।.कलाओं की संख्या कहीं-कहीं पर 64 एवं कहीं-कहीं पर 96 बतायी गयी हैं। ज्ञाताधर्मकथा, औपपातिक एवं प्रश्नव्याकरण में 72 कलाओं का उल्लेख प्राप्त होता है। वास्तुकला बहत्तर कलाओं में वास्तुकला का विशेष विवरण ज्ञाताधर्म में प्राप्त होता है। वास्तुकला के अन्तर्गत मकान का निर्माण, छत, झरोखे, स्नानगृह, प्रेक्षा गृह, झरोखा आदि का सुव्यवस्थित निर्माण करना होता है। शास्त्रों में भूतगृह, मोहनगृह, गर्भगृह, प्रसाधनगृह, जालगृह, शालगृह आदि का उल्लेख प्राप्त होता है। शास्त्र में भवनों का आकार पर्वत की चोटी के समान बताया गया है जिसमें जालीवाली खिड़कियाँ होती थीं। बाहर ताला लगाने का भी प्रावधान था। कहीं-कहीं पर तो वातानुकूलित गृहों के निर्माण का भी विवरण उपलब्ध होते हैं।३ नाट्यशाला (प्रेक्षागृह) सैकड़ों थम्बों पर वेदिका, तोरण आदि से सज्जित कर बनायी जाती थी। यह अनेक मणियों, रत्नों व पताकाओं से शोभायमान होती थी। द्वार पर तोरण लटके रहते थे, छत चित्रकला के अद्भुत नमूने दर्शाती नजर आती थी, वहाँ पर नाट्यगृह होता था जिस पर हंसासन, भद्रासन आदि में कला की प्रतिकृति के रूप में मूर्तियों का भी निर्माण कराया जाता था। राजभवनों एवं अन्य गृहों में विभिन्न पुतलियों की स्थापना की जाती थी। धनाढ्य अपने लिए उच्च प्रासाद बनवाते थे, जो मणि, सोने व रत्नों से . सुशोभित होते थे। उन प्रासादों में शानदार शयनागार होता था जिनके द्वार पर मांगलिक कलश स्थापित होते थे। शयनागार को अन्त:पुर भी कहा जाता था। शयनागार में एक गुप्त द्वार भी होता था। ...इसी के साथ स्वयंवर मण्डल, व्यायामशाला,५ स्नानागार,६ मोहनगृह, - पुष्करिणी;७ सभा एवं समवसरणभवन का भी उल्लेख वास्तुकला के अन्तर्गत प्राप्त होता है। 1. ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र 1/99, औपपातिक सूत्र 1079, प्रश्नव्याकरण 1/5/96. 2. ज्ञाताधर्मकथा, पृ० 576. 3. वही, 13/4, विपाकसूत्र 3/26. 4. वही, 14/21. 5. वही, 1/29. 6. वही, 1/30. 7. वही, 13/12. 8. वही, 1/26. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004258
Book TitleGnatadharmkathang ka Sahityik evam Sanskrutik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajkumari Kothari, Vijay Kumar
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2003
Total Pages160
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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