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तृतीय अध्याय
नदियाँ
पद्य
भरत
गंगा
"
चतुर्दशनदीसहस्रपरिवृता गङ्गासिन्ध्वादयो नद्यः।।23।। सूत्रार्थ - गंगा और सिन्धु आदि नदियों की चौदह-चौदह हजार परिवार नदियाँ हैं।।23।।
14 नदियाँ सरोवर (जिससे नदियों के नाम । बहने का किस दिशा परिवार नाम निकली है।
क्षेत्र में जाती है नदियाँ सिंधु
दो-दो नदियों | 14,000
के युगलों में रोहितास्या हैमवत
28,000 महापद्म 'रोहित
से पहलीहरिकान्ता
पहली नदी
| 56,000 तिगिञ्छ हरित्
| (जैसे - गंगा) • सीतोदा
1,12,000 केशरी सीता नरकान्ता | रम्यक
एवं बाद-बाद नारी मुटुंडरीक
की नदी रूप्यकूला
हैरण्यवत (जैसे - सिंधु) पुण्डरीक सुवर्णकूला
पश्चिम समुद्र रक्तोदा
14,000
में मिलती है। रक्ता
पूर्व समुद्र में
156,000
"
8.000
| ऐरावत
भरतः षड्विंशतिपञ्चयोजनशतविस्तारः षट्चैकोनविंशतिभागा
- योजनस्य||24॥ सूत्रार्थ - भरत क्षेत्र का विस्तार पाँच सौ छब्बीस सही छह बटे उन्नीस(5264)
योजन है।।24।।
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