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तृतीय अध्याय
भरतहैमवतहरिविदेहरम्यकहैरण्यवतैरावतवर्षाः क्षेत्राणि||10॥ सूत्रार्थ - भरतवर्ष, हैमवतवर्ष, हरिवर्ष, विदेहवर्ष, रम्यकवर्ष, हैरण्यवतवर्ष और ऐरावतवर्ष - ये सात क्षेत्र हैं।।10।
जम्बूद्धीप के क्षेत्र . । हैमवत हरि विदेह रम्यक हैरण्यवत ऐरावत
भरत
32 देश
* 5 म्लेच्छ खण्ड * 1 आर्य खण्ड . . (यहाँ हम रहते हैं)
* 5 म्लेच्छ खण्ड *1 आर्य खण्ड .
प्रत्येक देश में * 5 म्लेच्छ खण्ड * 1 आर्य खण्ड (विद्यमान तीर्थंकर यहाँ हैं)
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