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प्रथम अध्याय __ मतिश्रुतयोर्निबन्धो द्रव्येष्वसर्वपर्यायेषु।।26।। सूत्रार्थ - मतिज्ञान और श्रुतज्ञान की प्रवृत्ति कुछ पर्यायों से युक्त सब द्रव्यों होती है।।26॥
रूपिष्ववधेः।।27।। सूत्रार्थ - अवधिज्ञान की प्रवृत्ति रूपी पदार्थों में होती है।।27।।
तदनन्तभागे मनःपर्ययस्य।।28।। सूत्रार्थ - मन:पर्ययज्ञान की प्रवृत्ति अवधिज्ञान के विषय के अनन्तवें भाग
होती है।।28।
___ सर्वद्रव्यपर्यायेषु केवलस्य।।29।। सूत्रार्थ - केवलज्ञान की प्रवृत्ति सब द्रव्य और उनकी सब पर्यायों में होती है।।29।।
5 ज्ञानों का विषय मति-श्रुत अवधि मनःपर्यय न केवल द्रव्य | सर्व द्रव्य | रूपी द्रव्य रूपी द्रव्य सर्व द्रव्य
* पुद्गल
* संसारी जीव पर्याय | कुछ पर्यायें कुछ पर्यायें कुछ पर्यायें सर्व पर्याय
(अवधि का अनंतवाँ भाग)
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