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प्रथम अध्याय
निर्देशस्वामित्वसाधनाधिकरणस्थितिविधानतः।।7।। सूत्रार्थ - निर्देश, स्वामित्व, साधन, अधिकरण, स्थिति और विधान से सम्यग्दर्शन
आदि विषयों का ज्ञान होता है।।7।।
मध्यम रुचि शिष्यों के लिए - पदार्थों को जानने के उपाय
7... निर्देश स्वामी साधन अधिकरण स्थिति विधान (स्वरूप) (मालिक) (उत्पत्ति का कारण) (आधार) (काल) (भेद)
सत्संख्याक्षेत्रस्पर्शनकालान्तरभावाल्पबहुत्वैश्च।।8।। सूत्रार्थ - सत्, संख्या, क्षेत्र, स्पर्शन, काल, अन्तर, भाव और अल्पबहुत्व से भी
सम्यग्दर्शन आदि विषयों का ज्ञान होता है।।४।।
विस्तार रुचि शिष्यों के लिए - पदार्थों को जानने के उपाय
सत् संख्या क्षेत्र स्पर्शन काल अंतर भाव अल्पबहुत्व (अस्तित्व) (गिनती) (वर्तमान (तीन (अवधि) (विरह (परिणाम) (कमनिवास) कालों काल)
ज्यादा
विचरण
क्षेत्र)
तुलना करना)
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