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नवम अध्याय
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आचार्योपाध्यायतपस्विशैक्षग्लानगणकुलसंघसाधुमनोज्ञानाम्।।24।। सूत्रार्थ - आचार्य, उपाध्याय, तपस्वी, शैक्ष, ग्लान, गण, कुल, संघ, साधु और मनोज्ञ - इनकी वैयावृत्त्य के भेद से वैयावृत्त्य दश प्रकार का है।।24।।
वैयावृत्य के विषय (इन 10 प्रकार के मुनियों की सेवा)
आचार्य उपाध्याय तपस्वी शैक्ष ग्लान व्रतों का श्रुत का महान शिक्षा रोगी आचरण अध्ययन उपवासादि शील मुनि करायें करें-करायें करें
कुल
गण वृद्ध मुनियों - दीक्षकाचार्य का समुदाय · का शिष्य
समुदाय
संघ साधु मनोज्ञ
वर्ण के बहुत काल लोक सम्मत . मुनियों का के दीक्षित साधु समूह
4 प्रकार का संघ
- ऋषि ऋद्धि प्राप्त
मुनि यति अनगार अवधिज्ञानी उपशम व शेष सभी मनःपर्ययज्ञानी क्षपक श्रेणी वाले मुनि .
। राजर्षि . ब्रह्मर्षि प्राप्त * विक्रिया * बुद्धि ऋद्धियों * अक्षीण ___ * सौषधि के नाम महानस आदि
देवर्षि चारण
परमर्षि केवलज्ञान
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