SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 213
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 190 नवम अध्याय उत्तमक्षमामार्दवार्जवशौचसत्यसंयमतपस्त्यागाकिञ्चन्यब्रह्मचर्याणि धर्मः।।6।। सूत्रार्थ - उत्तम क्षमा, उत्तम मार्दव, उत्तम आर्जव, उत्तम शौच, उत्तम सत्य, उत्तम संयम, उत्तम तप, उत्तम त्याग, उत्तम आकिंचन्य, उत्तम · ब्रह्मचर्य - यह दस प्रकार का धर्म है।।6।। | मान | माया धर्म - स्वरूप 1. उत्तम क्षमा 2. उत्तम मार्दव - का अभाव 3. उत्तम आर्जव 4. उत्तम शौच लोभ 5. उत्तम सत्य | सज्जन पुरुषों के साथ साधु वचन बोलना 6. उत्तम संयम | प्राणियों की हिंसा व इन्द्रिय विषयों का परिहार 7. उत्तम तप | कर्मक्षय के लिए जो तपा जाता है 8. उत्तम त्याग | संयत के योग्य ज्ञानादि का दान 9. उत्तम आकिंचन्य शरीरादि में ममकार का त्याग 10. उत्तम ब्रह्मचर्य | मन, वचन, काय से समस्त स्त्रियों का त्याग Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004253
Book TitleTattvartha Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuja Prakash Chhabda
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year2010
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy