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पञ्चम अध्याय
काल की सिद्धि | 1. काल है ? 1. क्योंकि सभी द्रव्यों के परिणमन में साधारण कारण
| की आवश्यकता अनिवार्य है। 2. कालाणु एक 2.* जितनी बड़ी पर्याय होती है, उतना द्रव्य इसलिए काल प्रदेशी ही क्यों ? की समय पर्याय जितना 1 प्रदेशी कालाणु है।
* मंदगति से गमन करते पुद्गल परमाणु को एक
आकाश प्रदेश ही सहायक होता है ... 3. हर प्रदेश पर एक 3. वर्ना उस प्रदेश के द्रव्यों (विशेष रूप से 1 परमाणु)
ही क्यों ? | का परिणमन कैसे हो !
प्रचय के भेद
तिर्यक् प्रचय (प्रदेशों का समूह)
ऊर्ध्व प्रचय (पर्यायों का समूह)
काल द्रव्य
तिर्यक् प्रचय नहीं होता है
ऊर्ध्व प्रचय होता है (समय रूप पर्याय का)
शेष द्रव्य
दोनों प्रकार के प्रचय होते हैं।
परमाणु के तिर्यक् प्रचय नहीं होता।
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