________________
78
.
चतुर्थ अध्याय वैमानिक देव
SEE
पर
प्रत्यकपट दवागनापारवार
दवागना कारावाकया सौधर्म-ऐशान | 7 | 8-8 16,000
सानत्कुमार-माहेन्द्र 6 8-8 32,000 ब्रह्म-ब्रह्मोत्तर | 5 8-8 64,000 लांतव-कापिष्ठ, 5 | 8-8 1,28,000 शुक्र-महाशुक्र | 4 | 8-8 2,56,000 शतार-सहस्रार| 4 | 8-8 |5,12,000 आनत-प्राणत | 3.5 | 8-8 | 10,24,000 आरण-अच्युत 3 | 8-8 |10,24,000 कल्पातीत 9 ग्रैवेयक
(3 अधो 3 मध्य 3 ऊर्ध्व)
देवांगनाएँ 9 अनुदिश
नहीं होती 5 अनुत्तर
दवाना। 1,28,000 | 64,000 | 32,000
16,000 | 8,000
4,000 | 2,000 , 2,000
हैं
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org