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3 Kinds of TfH, perservation, control. 5 Kinds of समिति, carefulness. 10 Kinds of Erf, observances, virtue. 12 Kinds of 31 de Meditation, contemplation. 22 Kinds of ufus TRT Subdual of sufferings or conquest by endurance. 5 Kinds of alfel conduct.
वह संवर, गुप्ति, समिति, धर्म, अनुप्रेक्षा, परिषहजय और चारित्र से होता है। गुप्ति :- संसार के कारणों से आत्मा के गोपन वा रक्षण को गुप्ति कहते हैं। .. समिति :- दूसरे प्राणियों की रक्षा की भावना से सम्यक् प्रवृति करने को समिति कहते हैं। धर्म :- इष्ट स्थान में जो धरता है, वह धर्म है। जो आत्मा को नरेन्द्र, सुरेन्द्र, मुनीन्द्र आदि स्थानों में धरता है, वह धर्म है। अनुप्रेक्षा :- शरीरादि के स्वभाव का बार-बार चिंतन करना अनुप्रेक्षा है। परिषहजय :- परीषह का जीतना परीषहजय कहलाता है। '' चारित्र :- जो आचरण किया जाय, वह चारित्र है। ___गुप्ति, समिति आदि के द्वारा कर्मों का निरोध किया जाता है। अत: गुप्ति आदि संवर से पृथक् सिद्ध होते हैं, गुप्ति आदि कारण है और संवर कार्य है। इनमें कार्य-कारण भेद भी है, क्योंकि गुप्ति आदि के द्वारा संवर होता है।
द्रव्य संग्रहः में कहा है
वदसमिदीगुत्तीओं धम्माणपेहा परीसहजओ य।
चारित्तं बहुभेया णायव्वा भावसंवरविसेसा।(35)
पाँच व्रत, पाँच समिति, तीन गुप्ति, दश धर्म, बारह अनुप्रेक्षा, बाईस परीषहों का जय तथा अनेक प्रकार का चारित्र इस प्रकार ये सब भाव संवर के भेद जानने चाहिये।
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