SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 250
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ णउदुत्तरसत्तसए दस सीदी चदुदुगे तियचउक्के । तारिणससिरिक्खबुहा सुक्कगुरुंगारमंदगदी॥(332) (चित्रा पृथ्वी से) सात सौ नब्बे योजन ऊपर, इससे दश, अस्सी दो बार चार अर्थात्, चार, चार और चार बार तीन योजन अर्थात् तीन-तीन तीन और तीन योजन ऊपर क्रम से तारा, सूर्य, चन्द्र, ऋक्ष (नक्षत्र) बुध, शुक्र, गुरु, अंगारक (मंगल) और मन्दगति (शनिश्चर) स्थित हैं। चित्रा पृथ्वी से ज्योतिर्बिम्बों की ऊँचाई क्र. ज्योतिर्बिम्बों योजनों में ऊँचाई मीलों में ऊँचाई सं. के नाम 1. तारागण चित्रा पृथ्वी से 790 योजन ऊपर 3160000 मील ऊपर 2. सूर्य | 790 + 10 = 800 योजन ऊपर | 3200000 मील ऊपर 3. चन्द्र | 800 + 80 = 880 योजन ऊपर 3520000 मील ऊपर 4. ऋक्ष (नक्षत्र) 880 + 4 = 884 योजन ऊपर 3536000 मील ऊपर 5. बुध .. | 884 + 4 = 888 योजन ऊपर 3552000 मील ऊपर 6. शुक्र 888 + 3 = 891 योजन ऊपर 3564000 मील ऊपर 7. गुरु | 891 + 3 = 894 योजन ऊपर 3576000 मील ऊपर अंगारक 894 + 3 = 897 योजन ऊपर 3588000 मील ऊपर - (मंगल) 9. मन्दगति 897 + 3 = 900 योजन ऊपर | 3600000 मील ऊपर (शनि) इस प्रकार ज्योतिषी देवों की ऊँचाई (10+80+4+4+3+3+3+3= 110) योजन (440000 मील) है। अर्थात् सम्पूर्ण ज्योतिषी देव पृथ्वी तल से 790 योजन (3160000 मील) की ऊँचाई से प्रारंभ कर 900 योजन (3600000 मील) की ऊँचाई तक स्थित है। 237 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004251
Book TitleSwatantrata ke Sutra Mokshshastra Tattvartha Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanaknandi Acharya
PublisherDharmdarshan Vigyan Shodh Prakashan
Publication Year1992
Total Pages674
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy