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________________ Ganga and Sindhu have 14,000 trirutary river each. गंगा और सिन्धु आदि नदियों की चौह-चौदह हजार परिवार नदियाँ गंगा सिन्धु आदि महानदियाँ हैं इसलिए इनकी अनेक उपनदियाँ हैं। जैसे- गंगा-सिन्धु की चौदह-चौदह हजार नदियाँ। इसके आगे सीतोदा नदी तक द्विगुणा-द्विगुणा ग्रहण करना और उसके आगे आधा-आधा कम करना चाहिए। अत: गंगा-सिन्धु की चौदह हजार, रोहित रोहितास्या की अट्ठाईस हजार, हरित् हरिकान्ता की छप्पन हजार और सीता-सीतोदा की एक लाख बारह हजार सहायक नदियाँ हैं। आगे- 'उत्तरादक्षिण तुल्या:' के अनुसार व्यवस्था भरतक्षेत्र का विस्तार भरतः षइविंशतिपञ्चयोजनशतविस्तारः षट् चैकोनविंशतिभागा योजनस्य। (24) Bharat Ksetra, in its widest part measure 526 6/19 Yojanas. भरत क्षेत्र का विस्तार पाँच सौ छब्बीस सही छह बटे उन्नीस (526 6/19) योजन है। आगे के क्षेत्र और पर्वतों का विस्तार ... तद्विगुणद्विगुणविस्तारा वर्षधरवर्षा विदेहान्ता। (25) Each mountain and Ksetra in breadth has double the breadth of the mountain or Ksetra preceding it (this is up to) Videha. विदेह पर्यन्त पर्वत और क्षेत्रों का विस्तार भरत क्षेत्र के विस्तार से दूना-दूना - जम्बूद्वीप वृत्ताकार है। इसमें जो अकृत्रिम पर्वत है उसके कारण देशों का विभाग हुआ है। देशों को विभाग करने वाले अकृत्रिम पर्वत पूर्व-पश्चिम रूप से समुद्र तक फैले हुए हैं जिससे देशों का विभाग हुआ है। इसका वर्णन ... स्वयं ग्रन्थकार ने पहले किया है। यह पर्वत वृत्ताकार जम्बू-द्वीप के ज्या (बाण) 211 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004251
Book TitleSwatantrata ke Sutra Mokshshastra Tattvartha Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanaknandi Acharya
PublisherDharmdarshan Vigyan Shodh Prakashan
Publication Year1992
Total Pages674
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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