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________________ ॐ व्युत्सर्गतप : देहातीत भाव का सोपान ॐ ४२३ ॐ श्वास लेना सीख ले, तो अनेक कठिनाइयों और संकटापन्न स्थितियों से बच सकता है। इसलिए इस प्रवृत्ति-बहुलयुग में व्युत्सर्ग या संक्षेप में कायोत्सर्ग रामबाण औषध है। प्रवृत्ति-बहुलता और अतिव्यस्तता के कारण मनुष्य अनेक मानसिक विकृतियों, तनावों, उद्विग्नताओं, शारीरिक-मानसिक व्याधि-आधियों से घिरा रहता है। उनसे बचाव का एकमात्र उपाय है-काया और काया से सम्बन्धित मनबुद्धि आदि की स्थिरता या शिथिलीकरण यानी कायव्युत्सर्ग। व्युत्सर्गतप के दो मुख्य प्रकार व्युत्सर्ग शब्द में जो उत्सर्ग, उसका अर्थ है-त्यागना या छोड़ना। त्याग उसी वस्तु का होता है, जो हमारी मोक्षमार्ग की साधना में बाधक हो, त्याज्य हो, छोड़ देने योग्य हो। ऐसी त्याज्य वस्तुएँ दो प्रकार की होती हैं-बाह्य और आभ्यन्तर। व्युत्सर्गतप के दो प्रकारों में त्याज्य वस्तुएँ मुख्यतया सात बाह्य त्याज्य वस्तुएँ शरीर, उपकरण, गण, संसार, भक्तपान आदि अनेक प्रकार की हैं; जबकि आभ्यन्तर त्याज्य वस्तुएँ हैं-मन में उद्विग्नता, तनाव, चिन्ता, क्रोधादि कषाय, राग, द्वेष, मोह, अहंकार, ममकार, आशा, तृष्णा, लालसा, इच्छा, फलाकांक्षा, महत्त्वाकांक्षा, वासना आदि। व्युत्सर्गतप के दो प्रकारों के क्रमशः चार और सात भेद 'तत्त्वार्थसूत्रकार' ने बाह्य और आभ्यन्तर दोनों प्रकार की उपधियों के त्याग को व्युत्सर्गतप कहा है। यही कारण है कि 'भगवतीसूत्र' में व्युत्सर्गतप दो प्रकार का बताया है(१) द्रव्य-व्युत्सर्ग, और (२) भाव-व्युत्सर्ग। द्रव्य-व्युत्सर्ग. चार प्रकार का है-(१) काय-व्युत्सर्ग, (२) गण-व्युत्सर्ग, (३) उपधि-व्युत्सर्ग, और (४) भक्त-पान-व्युत्सर्ग। भाव-व्युत्सर्ग के तीन प्रकार हैं-(१) कषाय-व्युत्सर्ग, (२) संसार-व्युत्सर्ग, और (३) कर्म-व्युत्सर्ग। १. (क) 'जैनधर्म में तप : स्वरूप और विश्लेषण' से भाव ग्रहण (ख) 'तत्त्वार्थसूत्र विवेचन' (उपाध्याय केवल मुनि) से भाव ग्रहण, पृ. ४३४ (ग) विउसग्गे दुविहे पण्णत्ते तं.-दव्व-विउसग्गे य भाव-विउसग्गे य। -भगवतीसूत्र, श. २५, उ. ७, सू. २५० Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004248
Book TitleKarm Vignan Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year
Total Pages697
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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