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________________ शुभ योग-संवर के सन्दर्भ में वचन-संवर की सक्रिय साधना वाहनों की गति पर ब्रेक लगाने की तरह योगत्रय पर भी आवश्यक - आपने देखा होगा कि साइकिल, मोटरसाइकिल या मोटर में ब्रेक न हो तो एक्सीडेंट होने का खतरा रहता है। ब्रेक के बिना मोटर आदि वाहनों को चलाने वाला कहीं भी दुर्घटना का शिकार हो सकता है। इसी प्रकार घोड़ागाड़ी, बैलगाड़ी या रिक्शा को भी जहाँ खतरा हो, वहाँ तुरन्त रोका न जाए तो एक्सीडेंट हो जाता है। उक्त एक्सीडेंट होने से रिक्शा आदि के चालक, सवारी एवं सजीव वाहन हो तो घोड़ा या बैल उसी स्थान पर प्रायः मरण-शरण हो जाते हैं अथवा किसी का आयुष्य बलवान हो तो घायल हो जाता है या फिर थोड़ी-सी खरोंच लगकर बाल-बाल बच जाता है। वचन पर ब्रेक न लगाने का दुष्परिणाम प्रायः सभी वाहनों में ब्रेक होता है। घोड़ा, हाथी आदि पर सवारी करने वाला लगाम अपने हाथ में रखता है, ताकि जहाँ इच्छा हो, वहाँ उसे रोक सके। परन्तु कई बार वाहन-चालक शराब पीकर अथवा अन्य किसी नशीली वस्तु का सेवन करके मोटर, टैक्सी, जीप, ट्रक या बस आदि वाहन को अन्धाधुंध चलाते हैं, अगर कोई पदचारी अथवा अन्य वाहन-चालक उस वाहन की चपेट में आकर मर जाता है या बुरी तरह से घायल हो जाता है, तो भी ऐसे लोग कोई परवाह नहीं करते। वे उसे सहानुभूति बताने या अपनी भयंकर गलती के लिए माफी माँगने के बजाय यों ही वैसी ही दुर्घटनाग्रस्त हालत में छोड़कर भाग जाते हैं। ब्रेक होने पर भी गाड़ी को अन्धाधुंध चलाने का परिणाम एक बार पुत्र-विवाह की खुशी में वर के पिता, अपने कुछ साथियों को लेकर शराब के नशे में अन्धाधुंध मोटर चलाते हुए जा रहे थे। सहसा मोटर एक पेड़ से टकराकर उलट गई। उनमें से एक व्यक्ति तो घटना स्थल पर ही मर गया। एक व्यक्ति बुरी तरह घायल होने से तड़फ-तड़फकर मर गया। दो व्यक्ति बचे, वे भी Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004248
Book TitleKarm Vignan Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year
Total Pages697
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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