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कर्मबन्धों की विविधता एवं विचित्रता ११ नहीं भी होता। इसी प्रकार जिसके ज्ञानावरणीय कर्म है, उसके आयुष्य, नाम और गोत्र कर्म नियमत: हैं, किन्तु जिनके आयुष्य, नाम, गोत्र कर्म हैं, उनके ज्ञानावरणीय कर्म कदाचित् होता है, कदाचित् नहीं भी होता । इसी प्रकार ज्ञानावरणीय कर्म जिस जीव के है, उसके अन्तराय कर्म अवश्य होता है, तथा जिसके अन्तराय कर्म है, उसके ज्ञानावरणीय भी नियमतः होता है।
जिस प्रकार ज्ञानावरणीय कर्म के साथ पूर्वोक्त ७ कर्मों के विषय में विकल्प कहे, उसी प्रकार दर्शनावरणीय कर्म के विषय में भी समझ लेना चाहिए।
इसके बाद, जिसके वेदनीय कर्म हैं, उसके मोहनीय कर्म कदाचित् होता है, कदाचित् नहीं होता । किन्तु जिस जीव के मोहनीय कर्म है, उसके वेदनीय कर्म (बन्ध) अवश्य होता है। इसी प्रकार जिसके वेदनीय कर्म (बन्ध) है, उसके आयु, नाम और गोत्र कर्म भी अवश्य होते हैं। जिसके वेदनीय कर्म होता है, उस जीव के अन्तराय कर्म कदाचित् होता है, कदाचित् नहीं, किन्तु जिस जीव के अन्तराय कर्म है, उसके वेदनीय कर्म अवश्य होता है।
जिसके मोहनीय कर्म है, उसके आयुष्य कर्म अवश्य होता है, परन्तु जिसके आयु कर्म होता है, उसके मोहनीय कर्म कदाचित् होता है, कदाचित् नहीं भी होता इसी प्रकार मोहनीय कर्म के साथ नाम, गोत्र और अन्तराय कर्म के विषय में समझ लेना चाहिए। इसी प्रकार जिसके आयुष्य कर्म होता है, उसके नाम, गोत्र दोनों कर्म अवश्य होते हैं। नाम गोत्र कर्म होते हैं, वहाँ आयुष्यकर्म भी अवश्य होता है। इसी प्रकार जिसके आयुकर्म होता है, उसके अन्तराय कर्म कदाचित् होता है, कदाचित् नहीं भी होता है। किन्तु जिस जीव के अन्तराय कर्म होता है, उसके आयुकर्म अवश्य होता है। इसी प्रकार नाम और गोत्र दोनों कर्मों का सहभाव नियमत: होता हैं। किन्तु जिस जीव के नामकर्म और गोत्रकर्म होता है, उसके अन्तराय कर्म कदाचित् होता है, कदाचित् नहीं भी होता । परन्तु जहाँ अन्तराय कर्म होता है, वहाँ नामकर्म और गोत्रकर्म अवश्य ही होता है।"
इस प्रकार आठों ही कर्मों के परस्पर सहभाव के कथन से एक बात स्पष्ट हो जाती है कि साधक को चार घाती कर्मों को क्षय करने, शिथिल बन्ध करने तथा उनके स्थिति और अनुभाग कम करने का प्रयत्न करना चाहिए, ताकि चार अघाती कर्मों का प्रभाव भी आत्मा पर इतना न पड़ सके, वे शिथिल हो जाएँ और कर्ममुक्ति की साधना में बाधक न बनें।
१. भगवती सूत्र श. ८, उ. १०, सू. ४२ से ५८ तक ( आगम प्रकाशन समिति ब्यावर )
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