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कर्म-विज्ञान : कर्म का अस्तित्व (१)
महारानी विक्टोरिया के पति प्रिंस अलबर्ट मृत्यु के उपरान्त भी प्रिय पत्नी से सम्पर्क बनाये रहे और समय-समय पर बहुमूल्य सुझाव देते रहे। . .. नेपोलियन जब सेंट हेलेना में निर्वासित जीवन बिता रहा था, तो उसकी मृत पत्नी जोसेफाइन की आत्मा ने उसे उसकी मृत्यु की पूर्व-सूचना दी थी।
प्रख्यात उपन्यासकार राजा राधिकारमण सिंह रियासतों-रजवाड़ों की समाप्ति के बाद धनाभाव से पीड़ित थे। उनकी पुत्री विवाह-योग्य हो : गई थी। उनकी दिवंगत माता ने उन्हें मीडियम द्वारा जानकारी दी कि रत्न-आभूषण आदि महल की दक्षिणी दीवार में गोशाला के छप्पर के पास गड़े हुए हैं। राजा साहब ने निर्दिष्ट स्थान पर खोदकर धन निकाला और चिन्तामुक्त हुए।
फ्रांस के सम्राट हेनरी चतुर्थ एक दिन सन्ध्या समय घूम रहे थे, तभी एक छाया जैसी आकृति उन पर मंडराने लगी। हेनरी ने घबरा कर उससे पूछा-'तुम कौन हो ?' उस आकृति ने कहा-“मैं प्रेतात्मा हूँ और यह बताने आया हूँ कि तुम्हारी मृत्यु शीघ्र ही एक षड्यंत्र के द्वारा होने वाली है। चाहो तो सुरक्षा-व्यवस्था कर लो।" परन्तु हेनरी के दरबारियों ने इसे सुना तो वे दिवास्वप्न कहकर हंसने लगे। किन्तु कुछ ही दिनों बाद प्रेतात्मा के संकेतानुसार हेनरी की हत्या हो गई।
'दि होल्ड्स' के सम्पादक 'मोरिस बारवानिल' का कथन है-इस दृश्य विश्व से परे भी एक विलक्षण विश्व है, जहाँ मृत्यु के उपरान्त जीवन है।"२ प्रेतात्मा द्वारा भावी घटना के संकेत
प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ कन्हैयालाल माणकलाल मुंशी भारतीय पत्रिका, 'भवन्स जर्नल' आदि में पितरों से प्राप्त सहयोगों की चर्चा करते रहते थे। एक बार उन्होंने लिखा कि बीजापुर जेल में उन्हें उस कोठरी में रखा गया, जहाँ पहले फांसी लगा करती थी। वहाँ एक मृतात्मा ने, जिसे वहीं फांसी लगाई गई थी, उन्हें सूचना दी-"आप शीघ्र ही जेल से मुक्त होने वाले हैं, किन्तु जल्दी ही दुबारा जेल में भेजे जाएँगे।" वही हुआ।
सम्राट् एडवर्ड सप्तम की पत्नी 'महारानी एलेक्जेण्ड्रा' पितरों से सम्पर्क करती रहती थी। एक बार एक पितर 'सेमान्स' ने उन्हें सूचित किया
१ अखण्ड ज्योति, नवम्बर ७६ पृ. ३८ २ वही, नवम्बर ७६ में प्रकाशित घटना से पृ. ३९ ३ अखण्ड ज्योति मार्च १९७९ में प्रकाशित घटना से, पृ. ३५
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