SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 79
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ षट्नाभृते ' [ १. १२सदृष्टिभवति तस्य परमावगाठ सभ्यत्वं कथ्यते (१०) तथा चोक्तं गुणभद्रेक गणिना'आशासम्यक्त्वमुक्तं यदुत विरुचितं वीतरागाशयव त्यक्तग्रन्थप्रपञ्चं शिवममृतपयं श्रद्दधनमोहशान्तेः। मार्गश्रद्धानमाहुः पुरुषवरपुराणोपदेशोपजाता . या संज्ञानागमाब्धिप्रसृतिभिरुपदेशादिरादेशि दृष्टिः ॥१॥ आकर्ष्याचारसूत्र मुनिचरणविधेः सूचनं श्रद्दधानः । सूक्तासौ सूत्रदृष्टिदुंरधिगमगतेरर्थसार्थस्य . बीजैः। कैश्चिज्जातोपलब्धेरसमशमवशाद् बीज दृष्टिः पदार्थान् संक्षेपेणव बुद्ध्वा रुचिमुपगतवान् साधु संक्षेपदृष्टिः ॥२॥ केवलज्ञान के द्वारा समस्त पदार्थों को देख कर जो श्रद्धान होता है वह परमावगढ़-सम्यक्त्व कहलाता है। जैसा कि गुणभद्राचार्य गणी ने कहा है आज्ञासम्यक्त्व-दर्शनमोह के उपशान्त होने से ग्रन्थश्रवण के बिना मात्र वीतराग भगवान् की आज्ञा से ही जो तत्त्वश्रदान होता है वह माज्ञा-सम्यक्त्व है । दर्शनमोह का उपशम होने से ग्रन्थविस्तार के बिना ही कल्याणकारी मोक्षमार्ग का जो श्रद्धान होता है उसे मार्ग-सम्यक्त्व कहते हैं। वेशठ शलाकापुरुषों के पुराण के उपदेश से जो उत्पन्न होता है उसे सम्यग्ज्ञान उत्पन्न करनेवाले आगमरूपी समुद्र में अवगाहन करनेवाले गणधर देव ने उपदेश-सम्यक्त्व कहा है ॥ __आकाचार-मुनियों के चारित्र की विधिको सूचित करनेवाले आचारसूत्र को सुन कर जो तत्त्वश्रद्धान करता है वह सूत्र-सम्यग्दृष्टि है। जिनका जानना अतिशय कठिन है ऐसे पदार्थसमूह को किन्हीं बीजपदों से जाननेवाले भव्य पुरुष को दर्शनमोह के असाधारण उपशम से जो तत्त्वश्रद्धान होता है वह बीज-सम्यग्दर्शन है। जो पुरुष संक्षेप से ही पदार्थों को जानकर अच्छी तरह श्रद्धा को प्राप्त हुआ है वह संक्षेपदृष्टि पुरुष है। १. आत्मानुशासने श्लोकसंख्या १२. २. मात्मानुवासने लोकसंख्या १३. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004241
Book TitleAshtpahud
Original Sutra AuthorKundkundacharya
AuthorShrutsagarsuri, Pannalal Sahityacharya
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year2004
Total Pages766
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Sermon, Principle, & Religion
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy