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________________ 28 श्वासोश्वास प्रमाण यानि सम्पूर्ण लोगस्स का कायोत्सर्ग । A कुसुमिण दुसुमिण कायोत्सर्ग का प्रमाण1. चौथेवत सम्बन्धित (मैथुन सेवन सम्बन्धित) कुत्सित स्वप्न आने पर 27 श्वासोश्वास प्रमाण;कुल 108 श्वासोश्वास अर्थात् सागर वर गंभीरा तक 4 लोगस्स का कायोत्सर्ग । 2. प्राणीवध, मृषावाद, अदत्तादान और परिग्रह सम्बन्धित या अच्छा स्वप्न देखने या स्वप्न न देखने पर 25 श्वासोश्वास प्रमाण; कुल 100 श्वासोश्वास अर्थात् चंदेसु निम्मलयरा तक 4 लोगस्स का कायोत्सर्ग। B ज्ञान आराधना (मति, श्रुत, अवधि, मनःपर्यव, केवलज्ञान) सम्बन्धित कायोत्सर्ग का प्रमाण सम्पूर्ण 5 लोगस्स का कायोत्सर्ग अर्थात् 140 श्वासोश्वास प्रमाण । .. c ज्ञानाचार शुद्धि के कायोत्सर्ग का प्रमाण- 1. राइय प्रतिक्रमण में 25 श्वासोश्वास प्रमाण; कुल 50 श्वासोश्वास __ अर्थात् चंदेसु निम्मलयरा तक 2 लोगस्स का कायोत्सर्ग । 2. देवसिय प्रतिक्रमण में 25 श्वासोश्वास प्रमाण का चंदेसु निम्मलयरा तक 1 लोगस्स का कायोत्सर्ग । ___ आवश्यक नियुक्ति गाथा 1530, चै.महाभाष्य गाथा 473 D दर्शनाचार शुद्धि के कायोत्सर्ग का प्रमाण राइय व देवसिय प्रतिक्रमण में 25 श्वासोश्वास प्रमाण का चंदेसु निम्मलयरा तक 1 लोगस्स का कायोत्सर्ग । E. चारित्राचार शुद्धि के कायोत्सर्ग का प्रमाण चैत्यवंदन भाष्य प्रश्नोत्तरी 335 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004240
Book TitleChaityavandan Bhashya Prashnottari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVignanjanashreeji
PublisherJinkantisagarsuri Smarak Trust
Publication Year2013
Total Pages462
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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