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नवकार
प्र.915 नवकार, इच्छामि खमासमणो, इरियावहिया (तस्स उत्तरी सहित ),
नमुत्थुणं, अरिहंत चेइयाणं, लोगस्स, पुक्खरवरदी, सिद्धाणं बुद्धाणं, प्रणिधान त्रिक सूत्र के आदान नाम, गौण-नाम, लघु अक्षर, गुरू
अक्षर, सर्वाक्षर, पद और संपदा का कोष्ठक बनाइये ? क्र. सूत्र का | सूत्र का गौण नाम | लघु | गुरू सर्वाक्षर पद |संपदा आदान नाम
अक्षर | अक्षर पंच मंगल महाश्रुत स्कंध 61 | 7 इच्छामि प्रणिपात सूत्र/छोभ सूत्र 25 | 3 | 28 | - | - खमासमणो इरियावहिया | प्रतिक्रमण श्रुत स्कंध | 175 | 24] 199 | 32 | 8 | (तस्स उत्तरी सह)
नमुत्थुणं शक्र स्तव/प्रणिपात दंडक 264 ] 33 5. | अरिहंत चेइयाणं चैत्यस्तव / कायोत्सर्ग | 200 | 29 | 229
(अन्नत्थ सह) | दंडक अन्नत्थ
आगार सूत्र लोगस्स नामस्तव पुक्खरवरदी श्रुतस्तव सिद्धाणं बुद्धाणं| सिद्धस्तव | प्रणिधान त्रिक i. | जावंति चेइयाई | चैत्यवंदन सूत्र
| जावंत केवि साह | मुनिवंदन सूत्र 37 | 1 | 38. | in.| जय वीयराय | प्रार्थना सूत्र
1446| 201| 1647|181|97 +++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++ चैत्यवंदन भाष्य प्रश्नोत्तरी
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