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________________ उपरोक्त नौ सूत्रों के कुल 1446 लघु अक्षर, 201 गुरू अक्षर और 1647 सर्वाक्षर है। प्र.916 क्या श्रुतस्तव की संपदा भी पादतुल्य है ? उ. हाँ, श्रुतस्तव की सोलह संपदा पद तुल्य है अर्थात् प्रत्येक सम्पदा एक एक पद वाली है । श्रुतस्तव सूत्र की चार गाथाए है, प्रत्येक गाथा के चार चरण है, इस प्रकार (4 x 4) से 16 पद है, जो. 16 संपदा के पद तुल्य है। प्र.917 सिद्धस्तव (सिद्धाणं बुद्धाणं) की कितनी संपदा है ? उ. सिद्धस्तव की बीस सम्पदा है । प्र.918 सिद्धस्तव की बीस संपदा में क्रमशः कितने पद है ? उ. बीस सम्पदा क्रमश: एक-एक पद वाली है। अर्थात् पद तुल्य सम्पदा है । इस सूत्र के पांच गाथा प्रत्येक गाथा के चार चरण इस प्रकार (5 x 4) बीस पद तुल्य बीस संपदा है । प्र.919 अन्य सूत्रों की संपदाओं के नामानुसार अनुमान से नवकार मंत्र की आठ संपदा के क्या नाम हो सकते है? . उ. अन्य सूत्रों की संपदाओं के नामानुसार अनुमान से नवकार मंत्र की संपदा के निम्न नाम हो सकते है। 1. प्रथम पांच पदों की संपदा का नाम 'स्तोतव्य संपदा' हो सकता है; क्योंकि इसमें क्रमानुसार पंच परमेष्ठियों को नमस्कार किया है। स्तोतव्य संपदा को अरिहंत स्तोतव्य संपदा, सिद्ध स्तोतव्य संपदा, आचार्य स्तोतव्य संपदा' के रुप में क्रमानुसार बताया जा सकता है । 2. 'एसो पंच नमुक्कारो, सव्व पावप्पणासणों की संपदा को 'विशेष हेतु' संपदा 240 चैत्यस्तव की संपदा Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004240
Book TitleChaityavandan Bhashya Prashnottari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVignanjanashreeji
PublisherJinkantisagarsuri Smarak Trust
Publication Year2013
Total Pages462
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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