SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 236
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्र.838 इतर हेतु (विशेष) संपदा में किसकी चर्चा की गई है ? उ. इतर हेतु नामक चतुर्थ संपदा में विराधना के विशेष प्रकार जैसे-प्राणियों को दबाने से, वनस्पति आदि को दबाने से आदि की चर्चा की गई है। प्र.839 पंचम संपदा 'जे मे जीवा विराहिया' को संग्रह संपदा क्यों कहा गया है ? उ. इस संपदा में उन समस्त जीवों की हिंसा के प्रकारों का वर्णन किया गया है जो विराधना के दरम्यान हुई हो । प्र.840 षष्ठ (छट्ठी) संपदा का नाम जीव संपदा क्यों रखा गया ? उ. इस संपदा में संग्रह में एकत्रित जीवों के प्रकार-एकेन्द्रिय से लेकर पंचेन्द्रिय तक बताये है,इसलिए इसका नाम जीव संपदा रखा गया । प्र.841 इरियावहिया सूत्र की सबसे बडी सम्पदा का क्या नाम है और उसमें कुल कितने पद है ? उ.. सबसे बडी सप्तम (सातवीं) विराधना नामक सम्पदा है, जिसमें कुल 11 पद है। प्र.842. सातवीं संपदा को विराधना संपदा नाम क्यों दिया गया है ? उ. 11 पदों वाली सातवीं संपदा में जीव विराधना के 10 प्रकार बताये है . इसलिए इसे विराधना संपदा नाम दिया गया है। जैसे-पाँव से मरे, ठोकर से मरें....आदि । प्र.843 आठवीं सम्पदा का नाम प्रतिक्रमण संपदा क्यों दिया गया ? उ. इस संपदा में उन समस्त पाप कार्यों का प्रतिक्रमण (प्रायश्चित्त) किया __गया है, जो ईर्यापथ (गमनागमन) के दौरान लगे है। प्र.844 इरियावहिया सूत्र की कितनी और कौनसी मुख्य संपदा है ? उ.. इरियावहिया सूत्र के प्रथम पांच-1अभ्युपगम 2.निमित 3.ओघ हेतु 4.इतर +++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++ चैत्यवंदन भाष्य प्रश्नोत्तरी 221 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004240
Book TitleChaityavandan Bhashya Prashnottari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVignanjanashreeji
PublisherJinkantisagarsuri Smarak Trust
Publication Year2013
Total Pages462
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy