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________________ उ. उपाध्याय जी महाराज ने नवकार मंत्र पर 'परमेष्ठी गीता' नामक कृति की . रचना की है। प्र.700 नवकार महामंत्र की महिमा का वर्णन करने वाला 'वृहद् नमस्कार फल' नामक स्तोत्र किसने बनाया ? उ. 'आचार्य जिनचन्द्र सूरि म.' ने बनाया । प्र.701 पू.सिद्धसेन दिवाकर जी म. ने नवकार मंत्र सूत्र का संक्षिप्तिकरण . क्या किया ? उ. पूज्यश्री ने 'नमोऽर्हत् सिद्धाचार्योपाध्याय सर्व साधुभ्यः ।' किया। प्र.702 नवकार महामंत्र के मात्र एक अक्षर का जाप करने से कितने पापों का नाश होता है ? नवकार इक्क अक्खर, पावं फेडेइ सत्त अयराई । पण्णासं च पएणं, पंच सयाइं समग्गेण ॥ नमस्कार पंच विशांत सात सागरोपम के पाप कर्म नष्ट हो जाते है । प्र.703 नवकार महामंत्र का एक बार स्मरण करने से कितने सागरोपम के अशुभ कर्म नष्ट हो जाते है ? . उ. पांच सौ सागरोपम के। प्र.704 नवकार महामंत्र के एक पद का जाप करने से कितने सागरोपम के पाप कर्म नष्ट हो जाते है ? उ. पचास सागरोपम के। प्र.705 कितने नवकार मंत्र का जाप करने से प्राणी तीसरे भव में निश्चित्त रुप से मोक्ष का अधिकारी बनता है ? उ. अटेव य अट्ठसया, अट्ठसहस्सं च अट्ठ कोडीओ। ++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++ आठवा वर्ण द्वार 190 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004240
Book TitleChaityavandan Bhashya Prashnottari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVignanjanashreeji
PublisherJinkantisagarsuri Smarak Trust
Publication Year2013
Total Pages462
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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