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व्यंतर - वाणव्यंतर देवों के 32 इन्द्रों के
वैमानिक देवों के 10 इन्द्रों के
मनुष्य क्षेत्र के 66 चन्द्र और 66 सूर्य के
असुरकुमार की 10 इन्द्राणियों के
अभिषेक
अभिषेक
अभिषेक
अभिषेक
अभिषेक
अभिषेक
अभिषेक
अभिषेक
अभिषेक
अभिषेक
अभिषेक
अभिषेक
अभिषेक
अभिषेक
अभिषेक
कुल
250
अभिषेक
प्र. 459 कौन सी आठ जाति के कलश द्वारा अभिषेक इन्द्र आदि देवता गण
करते है ?
.उ.
1. स्वर्ण 2. रुपा 3. रत्न 4. स्वर्ण रत्न 5. स्वर्ण रुपा 6. रुपा रत्न 7. स्वर्ण रुपा रत्न 8. माटी ।
उपरोक्त आठ जाति के प्रत्येक आठ-आठ हजार कलशों यानि 64000 (8 × 8000) कलशों द्वारा 250 अभिषेक होते है । कुल एक करोड साठ
नागकुमार की 12 इन्द्राणियों के
व्यंतरेन्द्र की इन्द्राणियों के
ज्योतिषदेव की इन्द्राणियों के
सौधर्म और ईशानेन्द्र की 16 इन्द्राणियों के
चार लोकपाल के
तीन पर्षदों के देवों का
सामानिक देवों का
त्रायत्रिंशक देवों का
अंगरक्षक‘देवों का
सैन्याधिपति देवों का
प्रकीर्ण देवों का
चैत्यवंदन भाष्य प्रश्नोत्तरी
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32
10
132
10
12
4
4
16
4
1
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