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(१) अर्द्धमागधी साहित्य, (२) शौरसेनी साहित्य,
(३) महाराष्ट्री साहित्य, (४) नाटक साहित्य,
(५) मागधी साहित्य,
(६) पैशाची साहित्य,
(७) अपभ्रंश साहित्य ।
साहित्य का काव्यात्मक वर्गीकरण
(१) आगम साहित्य,
(२) शिलालेखी साहित्य,
(३) शास्त्रीय काव्य,
(४) खंडकाव्य साहित्य,
(५) चरित्रकाव्य,
(६) मुक्तककाव्य,
(७) सट्टक,
(८) कथा साहित्य,
(९) चंपू काव्य,
(१०) स्तुति काव्य आदि ।
आगम साहित्य का वर्गीकरण
मूलतः आगम भाषा की दृष्टि से अर्द्धमागधी और शौरसेनी इन दो प्राकृत भाषाओं में निबद्ध है। महावीर के समस्त वचन इन दोनों ही भाषाओं में हैं। अर्द्धमागधी भाषा एवं शौरसेनी भाषा का अपना विशाल क्षेत्र है, उनका विशाल साहित्य है, इसका वर्गीकरण इस प्रकार है—
(१) अर्द्धमागधी आगम साहित्य,
(२) अर्द्धमागधी आगम का टीका साहित्य, (३) शौरसेनी आगम साहित्य, (४) शौरसेनी आगम का टीका साहित्य, (५) सिद्धांत एवं कर्म साहित्य |
अनुयोग की दृष्टि से आगम
(१) चरण-करणानुयोग, (२) धर्म-कथानुयोग,
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