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________________ है कि मैं दूसरों को सुखी हूँ, दूसरे मुझे सुखी करते हैं, वह मूर्ख है। इससे विपरीत मानने वाला ज्ञानी है; क्योंकि कर्मोदय से ही जीव सुखी-दुःखी होते हैं।२०७ जीव का स्वरूप और वर्गीकरण :___ कोई भी कथन सत्य तभी कहा जा सकता है जब वह स्याद्वादशैली में कहा गया हो, अर्थात् कोई भी तत्थ किसी एक अपेक्षा से ही कहा जा सकता है; निरपेक्षरूप से नहीं। जैनागम में जीवादि के विषय में जो भी कथन प्राप्त हैं, वे किसी न किसी अपेक्षा से कहे गये हैं। यदि अनेकान्तवाद के कथंचिद् एकान्तपक्ष के अनुसार जीव का स्वरूप कहना हो तो वह चेतनागुण है। समयसार जीवाजीव अधिकार में परमार्थतः जीव का स्वरूप बताते हुए ४९ वीं कारिका में कहा गया है कि जीव का गुण चेतना है, किन्तु उसका कोई ऐसा चिह्न नहीं है जो पौगलिक हो अर्थात् वह किसी भी लिंग से गृहीत नहीं होता; वह अलिंगग्रहण है। यहाँ पर अलिंगग्रहण को समझाते हुए पौगलिक गुणों की अपेक्षा से कहा गया है कि वह रस-रूप-गन्ध-शब्द से रहित अव्यक्त (इन्द्रियातीत) है। क्योंकि समस्त जगत् दो प्रकार के पदार्थों का समूह है, जीव एवं अजीव । इन दोनों के भेदविज्ञान पर आधारित जीव द्रव्य का स्वरूप या तो उसके निज गुण के माध्यम से बताया जा सकता है या फिर उसके विपरीत गुणधर्मों से युक्त पुद्गल द्रव्य के गुणों के अभाव के माध्यम से। उपर्युक्त स्वरूप कर्मसाक्षेप नहीं है किन्तु कर्मनिरपेक्ष और पारमार्थिक है। पारमार्थिक स्वरूप तो अनुभवगोचरमात्र है। समस्त जीवराशि के जीव चूंकि कर्मरहित या कर्मसहित ही व्यवहारातः देखे जाते हैं, कर्ममुक्तिसापेक्ष शुद्ध आत्मा में कर्मोपाधि जन्य अशुद्धि का अभाव विशेषण के रूप में प्रतिपादित करते हुए जीव का लक्षण बताया जाता है। अनादिकर्मबन्ध से युक्त जीव मुक्ति के पूर्व तक कर्म से बद्ध रहता हुआ संसरण करता रहता है, इसे संसारी जीव कहते हैं, और जब वही जीव कर्मबन्धन से रहित हो जाता है तब उसे मुक्त कहते हैं। इस प्रकार, जीवों का मुख्य वर्गीकरण संसारीजीव और मुक्तजीव के रूप में किया गया है।२०८ २०७. समयसार २४७-२५८ २०८. त.सू. २.१० ठाणांग २.४०९ १०२ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004236
Book TitleDravya Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyutprabhashreejiji
PublisherBhaiji Prakashan
Publication Year
Total Pages302
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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