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विषयानुक्रमणिका
१. जैन आगम साहित्य और उसमें उत्तराध्ययनसूत्र का स्थान १- ५३
१.१. जैन धर्म में आगमों का स्थान | १.२. जैन आगमों का वर्गीकरण १.३. जैन आगमों की विभिन्न वाचनाएं १.४. जैन आगमों में उत्तराध्ययनसूत्र का स्थान उत्तराध्ययनसूत्र : एक परिचय
५५-१२१ २.१ उत्तराध्ययनसूत्र के नामकरण के संबन्ध में विभिन्न धारणायें २.२ उत्तराध्ययनसूत्र मूलसूत्र है; क्यों ? २.३ उत्तराध्ययनसूत्र के उपदेष्टा एवं रचयिता के सम्बन्ध में विभिन्न धारणायें २.४ उत्तराध्ययनसूत्र का काल निर्धारण २.५ उत्तराध्ययनसूत्र की भाषा
२.५.१ उत्तराध्ययनसूत्र की भाषा-अर्धमागधी .. २.५.२ उत्तराध्ययनसूत्र की मूलभाषा पर महाराष्ट्री प्राकृत का प्रभाव क्यों एवं कैसे? २.६ उत्तराध्ययनसूत्र की शैली
२.६.१ उपदेशात्मक उपमा या दृष्टान्तों के द्वारा विषय का सुबोधीकरण २.५.२ प्रतीकात्मक रूपक २२.५.३ कथा एवं संवाद
२.५.४ पुनरूक्ति और उसका कारण २.७ उत्तराध्ययनसूत्र के विभिन्न अध्ययन एवं उनकी विषयवस्तु
२.८ उत्तराध्ययनसूत्र का व्याख्या साहित्य . २.८.१ नियुक्ति साहित्य और उत्तराध्ययनसूत्र नियुक्ति
२.८.२ चूर्णि साहित्य और उत्तराध्ययनसूत्र चूर्णि २.८.३ उत्तराध्ययनसूत्र की संस्कृत टीकायें २.८.४ उत्तराध्ययनसूत्र की हिन्दी/अंग्रेजी व्याख्यायें एवं टीकायें २.८.५ उत्तराध्ययनसूत्र सम्बन्धी शोधप्रबन्ध एवं शोध आलेख
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