________________
परम प्रसन्नता का विषय है कि जनकल्याणी इस शोध प्रबन्ध का 'श्री चन्द्रप्रभु जुना जैन मंदिर ट्रस्ट द्वारा प्रकाशन किया जा रहा है । इस पावन प्रसंग पर हम भी अपने उमड़ते हुए उद्गारों को संवरण न कर सके बस फिर क्या था बहिना के अभिवादन के लिये कलम चल पड़ी । ___ नई दिशा देने वाला यह ग्रंथ जन-जन के जीवन का पथप्रदर्शक बने एवं अज्ञान रूपी अंधकार में भटकते हुए प्राणियों के जीवन में ज्ञान का दीप प्रज्जवलित करें । साथ ही गुरुदेव से प्रार्थना है कि यह दार्शनिक ग्रंथ बहिना के जीवन का दर्शन बनें । उनकी श्रुत साधना . अविरत गति से आगे बढती हुई जिनवाणी के प्रचार प्रसार में पूर्ण सहयोगी बने ।
इन्हीं शुभकामनाओं के साथ
अनुभव-हेम गुरू -चरण-रज
गुरू-भगिनीवृन्द
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org