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उचराध्ययनसूत्र
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दार्शनिक अनुशीलन एवं वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उसका महत्त्व
जहापोमंजलेजाय नोवलिप्पइ वारिणा। एवं अलित्तो कामेहिं तं वयं बूम माहणं॥
उत्तराध्ययन सूत्र 25-27
साध्वी डॉ. विनीतप्रज्ञा
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