________________
उत्तराध्ययन सूत्र
दार्शनिक अनुशीलन एवं वर्तमान
परिप्रेक्ष्य में उसका महत्त्व
. आत्मीय आशीष : प.पू. सुदीर्घसंयमी विनोद श्री जी म.सा. • प.पू. समतामूर्ति प्रियदर्शना श्री जी म.सा. प.पू. सेवाभावी विनयप्रभा श्री जी म.सा.
-
-
-
लेखन : प.पू. महान आत्मसाधिका गुरुवर्या अनुभवश्रीजी म.सा.
की सुशिष्या प.पू. प्रसिद्धव्याख्यात्री गुरुवर्या हेमप्रभाश्रीजी म.सा. की चरणाश्रिता
साध्वी डॉ. विनीतप्रज्ञा
|
प्रकाशन : . श्री चन्द्रप्रभु महाराज जुना जैन मन्दिर ट्रस्ट ३४५, मिन्ट स्ट्रीट, साहुकारपेट, चेन्नई - ६०० ०७६.
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org