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| ज्ञान व ज्ञानावरण
के ५ भेद :
MINANT
ज्ञानावरण
ADITY
FORG
भालताना." KumanJ
THHin
(अवधिज्ञान
श्रत ज्ञातावरण
अतिवश
मन-पर्यनज्ञानावर
.. मतिज्ञान और मतिज्ञानावरण
पाँच इन्द्रियाँ 1. ठुड्डी पर हथेली का अंगूठा रखिये यह है स्पर्शेन्द्रिय पूरा शरीर 2. दूसरी अंगुली जीभ पर रखिये यह रसनेन्द्रिय, इसके दो काम है स्वाद लेना यानि चखना और चखाना यानि (बोलना) । दोनों काम डेन्जरस हैं। इससे बच कर चलिये....इसे कंट्रोल में रखिये....इसने कई घर उजाड़ दिये हैं। (3) तीसरी अंगुली नाक पर रखिये....यह घ्राणेन्द्रिय है। (4) चौथी अंगुली आँख पर रखिये....यह चक्षुरिन्द्रिय है। इसका दूसरा मोडर्न नाम है Gate way of all Sins सभी पापों का प्रवेशद्वार। लुक-छिप कर बी. पी. देखने का पाप यही इन्द्रिय करवाती है और बहू-बेटियों पर वासना भूखी निगाहें यही इन्द्रिय डालती है...कुदरत ने फर्स्टक्लास दो दरवाजे दिये हैं....अश्लील दृश्यों को आँख फाड़कर देखने की बजाय इन दरवाजों को बंद करना सीखिये.....मरणं बिंदुपातेन' की बेवक्त की मौत से बच जायेंगे.....जीवनभर तंदुरस्त रहेंगे। (5) पाँचवीं अंगुली कान पर रखिये....यह है श्रवणेन्द्रिय.....इससे वासनोत्तेजक अश्लील गीतों
रे कर्म तेरी गति न्यारी...!! /80
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