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2.
हास+अव्व आदि-हासिअव्व/हासेअव्व आदि (हँसाया जाना चाहिए) हास+इएव्वउं = हासिएव्वउं (हँसाया जाना चाहिए) हास+एव्वउं = हासेव्वउं (हँसाया जाना चाहिए) हास+एवा = हासेवा (हँसाया जाना चाहिए)
प्रेरणार्थक सम्बन्धक कृदन्त 1. (i) हसावि+इ = हसाविइ (हँसाकर)
हसावि+इउ = हसाविउ (हँसाकर) हसावि+इवि = हसाविवि (हँसाकर) हसावि+अवि = हसाववि (हँसाकर) हसावि+एप्पि = हसावेप्पि (हँसाकर) हसावि+एप्पिणु = हसावेप्पिणु (हँसाकर) हसावि+एवि = हसावेवि (हँसाकर)
हसावि+एविणु = हसावेविणु (हँसाकर) (ii) हसावि+इय = हसाविय (हँसाकर)
हसावि+दूण = हसाविदूण (हँसाकर)
हसावि+त्ता = हसावित्ता (हँसाकर) 2. (i) हास+इ = हासि (हँसाकर)
हास+उ = हासिउ (हँसाकर) हास+इवि = हासिवि (हँसाकर) हास+अवि = हासवि (हँसाकर) हास+एप्पि = हासेप्पि (हँसाकर) हास+एप्पिणु = हासेप्पिणु (हँसाकर)
(74)
अपभ्रंश-हिन्दी-व्याकरण
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