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(क) 1 (i) कीणिअव्व/कीणियव्व/कीणितव्व/कीणिदव्व/आदि =
खरीदा जाना चाहिए। (पुल्लिंग एकवचन) (ii) कीणिअव्व/कीणिअव्वा आदि = खरीदे जाने चाहिए।
(पुल्लिंग बहुवचन) (क) 2 (i) पेच्छिअव्व/पेच्छिअव्वा/पेच्छिअव्वु/आदि =
देखी जानी चाहिए। (नपुंसकलिंग एकवचन) (i) पेच्छिअव्व/पेच्छिअव्वा/पेच्छिअव्वइं/पेच्छिअव्वाइं/आदि =
देखी जानी चाहिए। (नपुंसकलिंग बहुवचन) (क) 3 (i) पेसिअव्वा/पेसिअव्व/आदि = भेजा जाना चाहिए।
(स्त्रीलिंग एकवचन) (i) पेसिअव्वा/पेसिअव्व/पेसिअव्वाउ/पेसिअव्वउ/पेसिअव्वाओ/
पेसिअव्वओ/आदि = भेजे जाने चाहिए। (स्त्रीलिंग बहुवचन) (ख) अपभ्रंश में विधि कृदन्त का कर्मवाच्य में प्रयोग करने के लिए भी
कर्ता में तृतीया विभक्ति (एकवचन अथवा बहुवचन) होगी। कर्म में प्रथमा विभक्ति (एकवचन अथवा बहुवचन) होगी।
कृदन्त में कोई परिवर्तन नहीं होगा। जैसे(ख) 1 (i) कीणिएव्वउं/कीणेव्वउं/कीणेवा = खरीदा जाना चाहिए।
___ (पुल्लिंग एकवचन) (i) कीणिएव्वउं/कीणेव्वउं/कीणेवा = खरीदा जाना चाहिए।
(पुल्लिंग बहुवचन) (ख) 2 (i) पेच्छिएव्वउं/पेच्छव्वउं/पेच्छेवा = देखी जानी चाहिए।
___ (नपुंसकलिंग एकवचन) (i) पेच्छिएव्वउं/पेच्छव्वउं/पेच्छेवा= देखी जानी चाहिए।
___ (नपुंसकलिंग बहुवचन) (ख) 3 (i) पेसिएव्वउं/पेसेव्वउं/पेसेवा = भेजा जाना चाहिए।(स्त्रीलिंग एकवचन)
(ii) पेसिएव्वउं/पेसेव्वउं/पेसेवा = भेजे जाने चाहिए। (स्त्रीलिंग बहुवचन) .. ------
अपभ्रंश-हिन्दी-व्याकरण
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