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अन्य रूप - सोच्छिहिन्ति, सोच्छिहिन्ते, सोच्छिहिइरे
सोच्छिस्सन्ति, सोच्छिस्सन्ते, सोच्छिस्सइरे
विधि एवं आज्ञा
उत्तम पुरुष एकवचन 1/1 28.(क) प्राकृत भाषा में अकारान्त, आकारान्त, ओकारान्त आदि क्रियाओं के
विधि एवं आज्ञा के उत्तम पुरुष एकवचन में 'मु' प्रत्यय क्रियाओं में लगता है। 'मु' प्रत्यय लगने पर अकारान्त क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ए' भी हो जाता है। जैसे(हस+मु) = हसमु, हसेमु = (मैं) हँसूं। (विधि.उ.पु. एक)
(ठा+मु) = ठाम = (मैं) ठहरूँ। (विधि.उ.पु.एक) .. (हो+मु) = होमु = (मैं) होऊँ। (विधि.उ.पु.एक)
(ख) अर्धमागधी प्राकृत में अकारान्त, आकारान्त, ओकारान्त आदि क्रियाओं
के विधि एवं आज्ञा के उत्तम पुरुष एकवचन में 'एज्जा' और 'एज्जामि' प्रत्यय क्रियाओं में लगते हैं। जैसे(हस+एज्जा, एज्जामि) = हसेज्जा, हसेज्जामि = (मैं) हँसूं। (विधि.उ.पु.एक.) (ठा+एज्जा, एज्जामि)= ठाएज्जा, ठाएज्जामि = (मैं) ठहरू। (विधि.उ.पु.एक) (हों+एज्जा, एज्जामि) = होज्जा, होज्जामि = (मैं) होऊँ। (विधि.उ.पु.एक) कभी-कभी अकारान्त क्रियाओं के उत्तम पुरुष एकवचन में 'ए' प्रत्यय भी जोड़ दिया जाता है। जैसे- हस+ए = हसे (प्राकृत के नियमानुसार ओकारान्त तथा एकारान्त आदि क्रियाओं में एज्जा का 'ए' हटा दिया जाता है)।
प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-2)
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