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________________ 23. 24. 25. उत्तम पुरुष बहुवचन 1 / 2 प्राकृत भाषा में उपर्युक्त सोच्छ, गच्छ आदि क्रियाओं में भविष्यत्काल के उत्तम पुरुष बहुवचन में विकल्प से 'हि' प्रत्यय का लोप करके वर्तमानकाल के उत्तम पुरुष बहुवचन के 'मो, मु और म' प्रत्यय जोड़ दिये जाते हैं, अकारान्त क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ई' या 'ए' कर दिया जाता है। जैसे ( सोच्छ+मो, मु, म) = सोच्छिमो, सोच्छेमो, सोच्छिम, सोच्छेमु, सोच्छिम, सोच्छेम = ( हम दोनों / हम सब ) सुनेंगे। (भवि. उ. पु. बहु . ) अन्य रूप - सोच्छिहिमो, सोच्छिहिमु, सोच्छिहिम सोच्छिस्सामो, सोच्छिस्सामु, सोच्छिस्साम सोच्छिहामो, सोच्छिहामु, सोच्छिहाम सोच्छि हिस्सा, सोच्छिहित्था मध्यम पुरुष एकवचन 2/1 प्राकृत भाषा में उपर्युक्त सोच्छ, गच्छ आदि क्रियाओं में भविष्यत्काल के मध्यम पुरुष एकवचन में विकल्प से 'हि' प्रत्यय का लोप करके वर्तमानकाल के मध्यम पुरुष एकवचन के 'सि' और 'से' प्रत्यय जोड़ दिये जाते हैं, अकारान्त क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ई' या 'ए' कर दिया जाता है । जैसे - ( सोच्छ+सि, से) = सोच्छिसि, सोच्छेसि, सोच्छिसे, सोच्छेसे (तुम) सुनोगे । (भवि.म. पु. एक.) अन्य रूप - सोच्छिहिसि, सोच्छिस्ससि, सोच्छिहिसे, सोच्छिस्ससे मध्यम पुरुष बहुवचन 2/2 प्राकृत भाषा में उपर्युक्त सोच्छ, गच्छ आदि क्रियाओं में भविष्यत्काल के मध्यम पुरुष बहुवचन में विकल्प से 'हि' प्रत्यय का लोप करके वर्तमानकाल प्राकृत-हिन्दी- व्याकरण ( भाग - 2 ) Jain Education International = For Personal & Private Use Only (25) www.jainelibrary.org
SR No.004205
Book TitlePrakrit Hindi Vyakaran Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2013
Total Pages150
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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