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भविष्यत्काल
उत्तम पुरुष एकवचन 1 / 1
प्राकृत भाषा में भविष्यत्काल के उत्तम पुरुष एकवचन में निम्न क्रियाओं में 'अनुस्वार' जोड़ा जाता है। जैसे
( सोच्छ + ) = सोच्छं (मैं) सुनूँगा । (भवि.उ. पु. एक.) (गच्छ++) = गच्छं (मैं) जाऊँगा । (भवि.उ. पु. एक.) (रोच्छ++) = रोच्छं (मैं) रोऊँगा । (भवि. उ. पु. एक.) (वेच्छ++) = वेच्छं (मैं) जानूँगा। (भवि. उ. पु. एक.) (दच्छ+') = दच्छं (मैं) देखूँगा । (भवि. उ.पु. एक.) (मोच्छ++) = मोच्छं (मैं) छोडूंगा। (भवि. उ.पु. एक.) (वोच्छ+ ) = वोच्छं (मैं) कहूँगा । (भवि. उ. पु. एक.) (छेच्छ+) = छेच्छं (मैं) छेदूँगा। (भवि. उ.पु. एक.) (भेच्छ+) = भेच्छं (मैं) भेदूँगा। (भवि.उ.पु.एक.) (भोच्छ++) = भोच्छं (मैं) खाऊँगा । (भवि. उ. पु. एक.)
उत्तम पुरुष एकवचन 1 / 1
प्राकृत भाषा में उपर्युक्त सोच्छ आदि क्रियाओं में भविष्यत्काल के उत्तम पुरुष एकवचन में विकल्प से 'हि' प्रत्यय का लोप करके वर्तमानकाल के उत्तम पुरुष एकवचन का 'मि' प्रत्यय जोड़ दिया जाता है, अकारान्त क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'इ' या 'ए' कर दिया जाता है । जैसे( सोच्छ+मि) सोच्छिमि, सोच्छेमि = (मैं) सुनूँगा । । (भवि.उ. पु. एक.) अन्य रूप सोच्छिहिमि, सोच्छिस्सामि, सोच्छिहामि, सोच्छिस्सं,
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सोच्छं
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प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण ( भाग - 2 )
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