________________
(ङ) अर्धमागधी प्राकृत में अकारान्त क्रियाओं में भविष्यत्काल के मध्यम पुरुष
बहुवचन में 'स्स' प्रत्यय क्रियाओं में जोड़ा जाता है, इसको जोड़ने के पश्चात वर्तमानकाल के मध्यम पुरुष बहुवचन के ‘ह और इत्था' प्रत्यय भी जोड़ दिये जाते हैं और क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'इ' और 'ए' हो जाता है। जैसे(हस+स्स+ह,इत्था)=हसिस्सह, हसिस्सइत्था, हसेस्सह, हसेस्सइत्था=
. (तुम दोनों/तुम सब) हँसोगे /हँसोगी। (भवि.म.पु.बहु.)
(च) अर्धमागधी प्राकृत में आकारान्त व ओकारान्त आदि क्रियाओं में
भविष्यत्काल के मध्यम पुरुष बहुवचन में ‘स्स' प्रत्यय क्रियाओं में जोड़ा जाता है, इसको जोड़ने के पश्चात वर्तमानकाल के मध्यम पुरुष बहुवचन के 'ह और इत्था' प्रत्यय भी जोड़ दिये जाते हैं। जैसे(ठा+स्स+ह,इत्था) = ठास्सह+ठस्सह, ठास्सइत्था-ठस्सइत्था =
. (तुम दोनों/तुम सब) ठहरोगे/ठहरोगी। (भवि.म.पु.बहु.) (हो+स्स+ह,इत्था) = होस्सह, होस्सइत्था =
(तुम दोनों/तुम सब) होओगे /होओगी। (भवि.म.पु.बहु.) (प्राकृत के नियमानुसार संयुक्ताक्षर के पहिले यदि दीर्घ स्वर हो तो वह ह्रस्व हो जाता है)।
----------------------
अन्य पुरुष एकवचन 3/1 18.(क) प्राकृत भाषा में अकारान्त क्रियाओं में भविष्यत्काल के अन्य पुरुष
एकवचन में 'हि' प्रत्यय क्रियाओं में जोड़ा जाता है, इसको जोड़ने के पश्चात वर्तमानकाल के अन्य पुरुष एकवचन के 'इ और ए' प्रत्यय भी जोड़ दिये जाते हैं और क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ई' और 'ए' हो जाता
है। जैसे___ (हस+हि+इ, ए) = हसिहिइ, हसेहिइ, हसिहिए, हसेहिए =
(वह) हँसेगा/हँसेगी। (भवि.अ.पु.एक.)
प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-2)
(19)
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org