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(ख) प्राकृत भाषा में आकारान्त व ओकारान्त आदि क्रियाओं में भविष्यत्काल
के मध्यम पुरुष बहुवचन में 'हि' प्रत्यय क्रियाओं में जोड़ा जाता है, इसको जोड़ने के पश्चात वर्तमानकाल के मध्यम पुरुष बहुवचन के 'ह और इत्था ' प्रत्यय भी जोड़ दिये जाते हैं। (ठा+हि+ह, इत्था) ठाहिह,
(हो+हि+ह, इत्था)
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प्राकृत-हिन्दी
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(ग) शौरसेनी प्राकृत में अकारान्त क्रियाओं में भविष्यत्काल के मध्यम पुरुष बहुवचन में 'सि' प्रत्यय क्रियाओं में जोड़ा जाता है, इसको जोड़ने के पश्चात वर्तमानकाल के मध्यम पुरुष बहुवचन का 'ध' प्रत्यय विकल्प से. जोड़ दिया जाता है और क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'इ' हो जाता है। जैसे(हस + स्सि+ध) हसिस्सिध (तुम दोनों / तुम सब ) हँसोगे / हँसोगी ।
(भवि.म. पु. बहु)
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ठाहित्था
(तुम दोनों / तुम सब ) ठहरोगे / ठहरोगी । (भवि. म. पु. बहु . ) होहिह, होहित्था
(तुम दोनों / तुम सब ) होवोगे / होवोगी। (भवि.म. पु. बहु.)
अन्य रूप हसिस्सिह, हसिस्सिइत्था
- व्याकरण (भाग-2 -2)
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(घ) शौरसेनी प्राकृत में आकारान्त व ओकारान्त आदि क्रियाओं में भविष्यत्काल के मध्यम पुरुष बहुवचन में 'स्सि' प्रत्यय क्रियाओं में जोड़ा जाता है, इसको जोड़ने के पश्चात वर्तमानकाल के मध्यम पुरुष बहुवचन का 'ध' प्रत्यय विकल्प से जोड़ दिया जाता है।
(ठा + स्सि+ध) = ठास्सिध ठस्सिध = (तुम दोनों / तुम सब ) ठहरोगे / ठहरोगी । (भवि.म.पु.बहु.) (हो+स्सि+ध) = होस्सिध = (तुम दोनों / तुम सब ) होवोगे / होवोगी। (भवि.म.पु.बहु.) अन्य रूप ठास्सिह ठस्सिह, ठास्सिइत्था ठस्सिइत्था होस्सिह, होस्सिइत्था
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